चीन मूल रूप से एक कृषिप्रधान विशाल साम्राज्यवादी देश रहा है, जिसमें गिने-चुने धनाढ्य जमींदार परिवारों का वर्चस्व था। उन्होंने आबादी के बड़े हिस्से पर राज किया, जिसमें मुख्य रूप से बंधुआ मजदूर और काश्तकार किसान थे। धनाढ्य वर्ग का नियंत्रण सरकार, सेना, न्यायपालिका से लेकर कानून लागू करनेवाली इकाइयों तक, हर स्तर पर था। यह पुस्तक चीन की सरजमीं के शानदार लोगों के जीवन के सभी आयामों का अद्भुत प्रस्तुतिकरण है— चीनी लोगों की जिंदगी का वह पहलू जो इतिहास, संस्कृति और रीति-रिवाजों के बंधनों में बँधा कठिन-से-कठिन दौर में भी जीवंत बना रहता है। माओमाओ ने सन् 1966 से सन् 1976 के बीच हुई सांस्कृतिक क्रांति के दौरान अपने पिता के जीवन में घटी घटनाओं को एक पुस्तक के स्वरूप में पिरोकर पेश किया है।.